Shopping Mall : जीसेवा में आप सभी का स्वागत है। क्या अपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है की आज कल के जो मॉल्स है उनमे भीड़ क्यों इतनी कम हो गई ? क्या आपने इस बात पर ध्यान दिया है की जो भारत के मॉल्स है वो लोगो को इतने अट्रैक्टिव क्यों नहीं लग रहे है ?
क्या आपने कभी एक्सपीरियंस किया है , भारत के मॉल्स में तो कई मॉल्स ‘डेड मॉल्स ‘ या फिर ‘ जॉम्बी मॉल्स ‘ क्यों बनकर रह गए है ? और अगर आपने ऐसा कभी भी अनुभव नहीं किया है तो जब भी आपको मौका मिले तो इस बदलाव को जरूर नोटिस कीजिए। आज के इस खास लेख में हम आपको बताने जा रहे है की क्यों भारत के ‘ मॉल संस्कृति ‘ ख़तम हो रहे है ?
अगर हम बड़े शहरों की बात करे तो मॉल्स वहाँ अच्छी तादात में होते है। और इसके साथ ही हर एक बड़े शहर में एक या दो ऐसे मॉल्स भी होते है – जो उस शहरों के साथ ही जुड़े रहते है। एक्साम्प्ले के तौर पर अगर हम नॉएडा के मॉल की बात करते है – तो सबसे पहले हमारे दिमाग में तुरंत ही ग्रेट इंडिया पैलेस या फिर DLF मॉल ही आता है।
जैसे ही हम गाजियाबाद शहर की बात करते है – तो सबसे पहले हमे शिप्रा मॉल या फिर पसिफ़िक मॉल के बारे में सोचते है। और अगर हम दिल्ली के शहर की बात करे तो सबसे पहले सेलेक्ट सिटी वाक मॉल ही दिमाग में आता है। अगर हम बंगलुरु के मॉल की बात करे तो हमारे दिमाग में तुरंत मंत्री मॉल ही आता है।
यह तो हो गए बड़े मॉल , परंतु , क्या आप जानते है की हमारे देश में जितने भी मॉल है उनमे से कुछ कैसे भी मॉल है जो बांध होने की कगार पर है। कुछ तो ऐसे मॉल है जो की ‘ डेड मॉल ‘ में बदल चुके है। कई तो ऐसे भी मॉल है जो बस किसी तरह से चल रहे है , पर सवाल तो यह उठता है की ऐसा क्यों हो रहा है ? चलिए , आपको इसके पीछे के कुछ कारणों का खुलासा करते है।
ई-कॉमर्स ( Shopping Mall ) वेबसाइट
जब से यह डिजिटलिज़शन हुआ है इसने मॉल की संस्कृति को ख़तम करने में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। और आज कल हर किसी के हाथ में मोबाइल फ़ोन है। और डाटा भी सस्ता है। ई-कॉमर्स वेबसाइट्स ने लोगो के लिए शॉपिंग और भी आसान बना दी है । और अब लोग मॉल जाने के बजाय घर से ही ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के जरिए शॉपिंग कर रहे है।