Navjot Singh Sidhu : रोड रेज के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को शाम चार बजे सरेंडर कर दिया था। और जेल में उनकी पहचान कैदी नंबर 241383 के तौर पर हुई है।
नवजोत सिंह (Navjot Singh Sidhu) कि जेल में पहली रात
इस रोड रेज मामले में आखिरकार जेल की सलाखों के पीछे पहुंचे कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पहली रात जेल में किस तरह से गुजरी इसको लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। उस जेल के अधिकारियो के अनुसार , नवजोत सिंह ने कल रात को डिनर बिलकुल भी नहीं किया । हलाकि , इस दौरान उन्होंने अपनी मेडिसिन टाइम पर खा ली। और पटियाला सेंट्रल जेल के एक अधिकारी ने यह बताया की नवजोत सिंह जेल के स्टाफ के साथ पूरी तरह से सहयोग भी कर रहे है।
हिंदुस्तान टाइम्स में हुई प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार , सेंट्रल जेल के अधिकारियो ने यह बताया है की नवजोत सिंह को जेल में कोई खास ट्रीटमेंट या फिर स्पेशल भोजन नहीं मिलेगा। डॉक्टरों की सलाह पर अगर उनके शरीर के लिए डाइट और साथ ही विशेष फ़ूड आइटम्स की जरुरत पड़ेगी तो नवजोत सिंह उससे जेल की कैंटीन से खरीद कर खा सकेंगे या उस भोजन को वो खुद भी जेल में पका सकेंगे ।
इसमें आपको यह भी बता दे कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाई गई केवल सालभर कि कैद कि सजा के दौरान नवजोत सिंह हर दिन लग भग 40 से 60 रूपए तक कि कमाई भी कर सकेंगे। और यह वही जेल है जहां शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ड्रग मामले में बंद हैं. आपको यह भी बता दे कि उनकी बैरक अलग है ।
बीमारी से पीड़ित
और इसी बीच नवजोत सिंह के मीडिया सलाहकार सुरिंदर दल्ला ने यह बताया है कि सिद्धू को तो एम्बोलिज्म से पीड़ित हैं । और साथ ही उन्हें लीवर कि भी बीमारी है । साल 2015 में उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में उन्होंने ट्रीटमेंट करवाया था। डीप वेन थ्रॉम्बोसिस के कारण, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह को पैरो पर बड़े प्लास्टिक बैंड पहनने पड़ता हैं। और उनके मीडिया सलाहकार ने यह भी कहा है कि उन्हें गेहूं के आटे से बने फ़ूड आइटम्स से बचने कि सलाह दी गई है।
मिली सजा
साल 1988 के रोड रेज के मामले में नवजोत सिंह को करीब – करीब एक साल कि सजा सुनाई गई है। उस साल 27 दिसंबर 1988 को यह दुखद घटनाक्रम पटियाला में सामने आया था। और तब नवजोत सिंह ने बीच रोड पर अपनी गाड़ी पार्क कि थी । इसी दौरान जब पीड़ित ने रोड पर जिप्सी देखकर सिद्धू को उसे हटाने को कहा था। और फिर वहां पर बहसबाजी शुरू हो गई थी । पुलिस का आरोप यह था कि इस दौरान नवजोत सिंह उस पीड़ित के साथ मारपीट करने के बाद मौके से फरार हो गया था । बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।